साथ जुड़ने
+91-705 060 8555
सुझाव के लिए
[email protected]
साथ जुड़ने के लिए मिस कॉल दें
+91-705 060 8555
सुझाव के लिए ई-मेल करें
[email protected]

किसानों पर मानसून और सरकार की दोहरी मार

पूरी तरह से कृषि पर निर्भर किसानों को इस बार मानसून की बेरुखी और सरकार का बुरा प्रबंधन दोनों मिलकर रुला रही है इस बार नालंदा जिले में सामान्य से 47 फ़ीसदी कम बारिश हुई है जो धान रोपनी के लिए पर्याप्त नहीं है। किसी प्रकार से किसानों ने जो कुछ खेतों में धान की रोपनी की थी वो भी पानी के अभाव में सूखने लगे हैं जो फसल हरे होने चाहिए थे अब पीले पड़ चुके हैं और सुख रहे हैं इस वर्ष आधा सावन बीत जाने के बाद भी तय लक्ष्य का 10% रोपनी भी नहीं हो सकी है। अच्छी बरसात नहीं होने के कारण क्षेत्र के किसान काफी चिंतित नजर आने लगे हैं ओर दूसरी तरफ सरकार की बेरुखी से किसानों को नालंदा जिले में 2 घंटे भी बिजली की आपूर्ति नही हो पा रही है नालंदा जिले में 128509 हेक्टेयर भूमि पर धान की खेती होती है जिसमें 4225 इलेक्ट्रिक मोटर पंप उपलब्ध हैं जो बिजली आपूर्ति न होने की वजह से उपयोग में नही आ रहे है।
हमारी टीम द्वारा जिले के अलग अलग गांव में जा कर किसानों से बात की गयी तो उन्होंने बताया कि सरकार और प्राकृतिक दोनो की मार को हम किसान झेल रहे हैं कई गांव के किसान ने ये भी बताया की उनकी समस्याओं को सरकार के समक्ष किसान नेता प्रणब प्रकाश द्वारा रखा गया है तथा कुछ जगह के समस्याओं को पदाधिकारी से बात कर उनका निष्पादन भी किया गया है।

ताज़ा खबरें

हताश किसानों का भगवान से गुहार

रविवार को लगभग दो हज़ार किसान भतहर हाई स्कूल के पास के मैदान में इकट्ठा हुये। वरुण मंत्र के जाप से पूरा इलाका गूँज रहा था। हवन के बाद किसानों ने अपने दुख दर्द को साझा किया। कम बारिश के कारण खेत बंजर पड़ी है। बिजली की कटौती के कारण मोटर से भी खेती संभव नहीं हो रही है। इस अवसर पर कार्यक्रम के संयोजक एवं वरिष्ठ भाजपा नेता ई० प्रणव प्रकाश ने सरकार से सहानुभूति एवं मदद की माँग की। उन्होंने कहा कि आज बड़े शहरों में एयर कंडीशनर और लाइट बत्ती के लिये 20 घंटे से ऊपर बिजली दी जा रही है ,वहीं किसानों को महज कुछ घंटे ही बिजली मिल पा रही है जो की नाकाफी है। किसान रोपनी नहीं कर पा रहे हैं।

कृषि लेख

सभी देखें

14
May

0

भारतीय किसान और उनकी मूलभूत समस्याएं

देश की 70 फीसदी आबादी गांवों में रहती है और कृषि पर ही निर्भर है।

14
May

0

बिहार: बाढ़ग्रस्त किसानों को मिली सिर्फ 30 से 40 फीसदी राशि

बिहार में पिछले साल आई बाढ़ से भयंकर क्षति को देखते हुए आपदा प्रबंधन विभाग ने कृषि विभाग को 19 जिलों के किसानों के लिए कृषि इनपुट राशि के तहत 894 करोड़ रुपये दिये थे।

14
May

0

बिहार : बाढ़ पीड़ित किसानों के साथ छलावा

बिहार में पिछले साल आयी बाढ़ से भयंकर क्षति हुई थी. सबसे ज्यादा किसानों को त्रासदी झेलनी पड़ी थी...