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सरकारी योजनाये

फसल बीमा योजना

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना एक सरकारी बीमा योजना है जो भारत सरकार द्वारा किसानों को उनकी फसलों के लिए सुरक्षा प्रदान करने के लिए शुरू की गई है। इस योजना का उद्देश्य किसानों को विभिन्न प्राकृतिक आपदाओं जैसे मौसमी बाधाओं, बारिश की कमी, बाढ़, बारिश का अधिक होना, बिजली का असुरक्षित उपयोग आदि से होने वाली किसानों की नुकसान को कवर करना है। इस योजना में, किसान एक निश्चित बीमा राशि का भुगतान करता है और योजना के तहत बीमा कंपनियों से समर्थन प्राप्त करता है। अगर किसान की फसल किसी प्रकार की आपदा के कारण नुकसान उठाती है, तो वह अपने नुकसान का भरपाई बीमा राशि प्राप्त कर सकता है। इस योजना के तहत, किसानों को बीमा राशि के लिए आवेदन करने की सुविधा भी प्रदान की जाती है जिससे किसान आसानी से इस योजना का लाभ उठा सकते हैं। यह योजना किसानों को उनके लिए एक सुरक्षित माहौल प्रदान करती है जो उनकी फसलों पर आने वाली नुकसान को कवर करता है और उन्हें आगामी फसलों के लिए आत्मविश्वास प्रदान करता है। यदि फसल के मध्य सीज़न में 50% नुकसान होता है तो अग्रिम भुगतान के साथ, संभावित दावों का 25% तक तत्काल राहत के रूप में भुगतान किया जाएगा। बाढ़, ओलावृष्टि और भूस्खलन से होने वाले नुकसान का आकलन व्यक्तिगत खेत स्तर पर किया जाएगा। पूरे देश में चक्रवाती बारिश और बेमौसम बारिश के कारण 14 दिनों तक खेतों में कटी और फैली हुई फसलों के नुकसान का फसल कटाई के बाद के नुकसान का आकलन किया जाएगा। दावों के तेजी से निपटान के लिए फसल कटाई प्रयोगों के पूरक के रूप में रिमोट सेंसिंग प्रौद्योगिकी और ड्रोन का उपयोग। कार्यान्वयन एजेंसी का चयन राज्य सरकार द्वारा बोली के माध्यम से किया जाएगा।

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हताश किसानों का भगवान से गुहार

रविवार को लगभग दो हज़ार किसान भतहर हाई स्कूल के पास के मैदान में इकट्ठा हुये। वरुण मंत्र के जाप से पूरा इलाका गूँज रहा था। हवन के बाद किसानों ने अपने दुख दर्द को साझा किया। कम बारिश के कारण खेत बंजर पड़ी है। बिजली की कटौती के कारण मोटर से भी खेती संभव नहीं हो रही है। इस अवसर पर कार्यक्रम के संयोजक एवं वरिष्ठ भाजपा नेता ई० प्रणव प्रकाश ने सरकार से सहानुभूति एवं मदद की माँग की। उन्होंने कहा कि आज बड़े शहरों में एयर कंडीशनर और लाइट बत्ती के लिये 20 घंटे से ऊपर बिजली दी जा रही है ,वहीं किसानों को महज कुछ घंटे ही बिजली मिल पा रही है जो की नाकाफी है। किसान रोपनी नहीं कर पा रहे हैं।

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