बबन पांडेय
पताही प्रखंड क्षेत्र के पताही पश्चिमी पंचायत के रूपनी उपाध्याय टोला में बुधवार को पैक्स गोदाम का उद्घाटन जिला कॉंग्रेस के उपाध्यक्ष सह प्रवक्ता बबन पांडेय एवं पूर्व मुखिया उपेंद्र पांडेय ने संयुक्त रूप से फीता काटकर किया है।मौके पर प्रखंड कांग्रेस के अध्यक्ष चितरंजन पांडेय,पैक्स अध्यक्ष अ विनय कुमार पांडेय, सुरेंद्र पांडेय, धर्मेंद्र पांडेय, सुरेश कुमार, लक्ष्मी राउत, रामू पांडेय, प्रमोद पांडेय, देवेन्द्र पांडेय, अमरेंद्र सिंह, जादो राय, महादेव पासवान, खुशनन्दन पांडेय सहित कई लोग शामिल थे।
उद्घाटन समारोह के अपने संबोधन में कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि किसानों में त्राहिमाम की स्थिति है।ऊपर से नीचे तक सरकारी अधिकारी एवं कर्मचारी लगातार उनका शोषण कर रहे हैं। उन्हें अपनी उपज का लागत के अनुसार वाजिब कीमत नहीं मिल पा रहा है। वही पूर्व मुखिया उपेन्द्र पांडेय ने कहा किसानों के हित के लिए केंद्र सरकार ने फसल बीमा योजना, कृषि सिंचाई योजना, मुर्दा स्वास्थ कार्य योजना ,मृदा स्वास्थ्य प्रबंधन योजना, परंपरागत कृषि विकास योजना, राष्ट्रीय कृषि मंडी की स्थापना, नीम कोटेड यूरिया की आपूर्ति, किसी शिक्षा और अनुसंधान सहित कई क्षेत्रों में लगातार काम कर रही है।किसानों की माली हालात को सुधारने की कोशिश जारी है। किसानों को सजग रहकर अपने हकों की लड़ाई लगातार जारी रखना होगा तभी किसान खुशहाल होंगे।वहीँ बबन पांडेय ने कहा है कि उक्त गोदाम के निर्माण से किसानों की वर्षों से चली आ रही चिर प्रतीक्षित मांग पूरी हुई है।
यहां के पैक्स अध्यक्ष बधाई एवं साधुवाद के पात्र है जिन्होंने अपनी निजी जमीन उपलब्ध कराकर विभागीय स्तर पर गोदाम के निर्माण कराने में सहयोग किया है।अब किसानों को यहां से वाजिब कीमत पर रसायनिक व जैविक खाद की उपलब्धता सुनिश्चित कराकर उनकी कठिनाइयों को दूर किया जाएगा। साथ ही किसानों को उनकी उपज का समर्थन मूल्य देकर उसकी खरीददारी भी सुनिश्चित की जाएगी।उन्होंने कहा है कि किसानों की समस्याओं के निदान के लिए प्रदेश की सरकार ने 2008 एवं 2012 में कृषि रोड मैप का निर्माण किया था किंतु अधिकारी व कर्मचारियों की लालफीताशाही वाली नीति के कारण किसानों का कल्याण नहीं हो सका है। किसानों की माली हालात बदत्तर हो चुकी है।कर्ज लेकर अन्नदाताओं को कृषि कार्य का सम्पादन करना पड़ता है किंतु कई वर्षों उपयुक्त सिचाई एवं प्राकृतिक आपदाओं से प्रभावित किसानों की सुधि नही ली जा रही है जिससे किसान आत्महत्या करने पर मजबूर हैं।जबतक किसानों की माली हालत ठीक नहीं होगी तबतक देश की तरक्की प्रभावित होता रहेगा।अतः जरूरत है किसानों को अन्य प्रदेशों की तर्ज पर संसाधन मुहैय्या कराने की।
देश की 70 फीसदी आबादी गांवों में रहती है और कृषि पर ही निर्भर है।
बिहार में पिछले साल आई बाढ़ से भयंकर क्षति को देखते हुए आपदा प्रबंधन विभाग ने कृषि विभाग को 19 जिलों के किसानों के लिए कृषि इनपुट राशि के तहत 894 करोड़ रुपये दिये थे।
बिहार में पिछले साल आयी बाढ़ से भयंकर क्षति हुई थी. सबसे ज्यादा किसानों को त्रासदी झेलनी पड़ी थी...